नई दिल्ली: मोदी सरकार ने अपने लगातार दूसरे कार्यकाल की जिम्मेदारी संभाली, किसानों के लिए पहली कैबिनेट बैठक में दो बड़े फैसले किए गए है. पीएम किसान योजना अब सभी किसानों के लिए खुली है और कैबिनेट की बैठक के बाद पेंशन योजना की भी घोषणा की गई थी. प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत अब 14.5 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे, इससे सरकारी खजाने पर 87,000 करोड़ रुपये सालाना बोझ पड़ेगा.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए भारतीय कृषि एवं खाद्य परिषद (ICFA) के चेयरमैन एमजे खान ने कहा कि कैबिनेट द्वारा स्वीकृत प्रधानमंत्री किसान पेंशन का लक्ष्य छोटे और सीमांत किसानों को लाभान्वित करना है. इस स्वैच्छिक पेंशन योजना के माध्यम से 18-40 वर्ष के बीच के किसान योजना का विकल्प चुन सकते हैं और उन्हें 60 वर्ष की आयु के बाद 8000 की पेंशन भी मिलेगी.
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आपको बता दें कि इसके अलावा, सरकार ने पशुधन के लिए, रोगों से बचने के लिए, टीकाकरण कार्यक्रम के लिए 13,343 करोड़ के बजट को भी मंजूरी दी है. पशुओं में उनके पैरों और मुंह से जुड़ी बीमारियां होने वाले आम रोग हैं.
विशेषज्ञों ने इस कदम का स्वागत किया है लेकिन यह भी सुझाव दिया है कि पीएम किसान की राशि को बढ़ाकर कम से कम 12000 प्रति वर्ष किया जाना चाहिए.
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सरकार के इन निर्णयों को किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है और इस प्रकार यह दिखाने का प्रयास किया जा रहा है कि किसान मोदी सरकार की प्राथमिकता सूची में शीर्ष पर होंगे.