लखनऊ: 38 महीने की बकाया सैलरी की मांग को लेकर मदरसा शिक्षक धरने पर बैठे

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Published : Jun 8, 2019, 11:40 PM IST

38 महीने के बकाये वेतन को लेकर मदरसा मॉर्डन टीचर्स लखनऊ के ईको गार्डन में धरने पर बैठे हैं. मदरसा शिक्षकों का कहना है कि बकाया वेतन न मिलने से वह दर बदर भटकने को मजबूर हैं.

लखनऊ: पिछले 38 महीने से तनख्वाह न मिलने से यूपी के मदरसा मॉर्डन टीचर्स दर बदर भटकने को मजबूर हैं. राजधानी के इको गार्डन में एक बार फिर से यूपी भर से आए मदरसा मॉडर्न टीचर्स इकठ्ठे हुए. मदरसा टीचर्स ने अपनी बकाया सैलरी की मांग को लेकर धरना शुरू कर दिया है.

38 महीने के बकाये वेतन के लिए लखनऊ में धरना प्रदर्शन.

मदरसा मॉडर्न टीचर्स का छलका दर्द...

  • दिल्ली से लेकर लखनऊ तक यह मदरसा मॉडर्न टीचर्स अपनी 38 माह की बकाया तनख्वाह को लेकर सरकार से गुहार लगा चुके हैं.
  • कोई अपनी बेटी की शादी के लिए परेशान है, तो कोई बच्चों की शिक्षा को लेकर.
  • मदरसा टीचर्स ने कहा इस योजना के आने सोचा था भारत के बच्चों को शिक्षा देंगे, लेकिन जब हम ही भूखे मर रहे हैं, तो कैसे बच्चों का भविष्य संवारे.
  • मदरसा टीचर्स का कहना है, सरकार का मदरसा मॉडर्न टीचर्स को लेकर भेदभाव वाला रवैया लम्बे वक्त से रहा है.
  • मदरसों में 60 फीसदी मुस्लिम टीचर हैं और 40 फीसदी गैर मुस्लिम टीचर हैं. जिसमें बड़ी तादाद में महिला टीचर्स भी शामिल हैं.
  • टीचर्स का कहना है कि तकरीबन 3 साल होने को आ रहा है, लेकिन तनख्वाह न मिलने के चलते घरों के चूल्हे ठंडे पड़े हैं.


25,000 मदरसा मॉडर्न टीचर्स को नहीं मिली तनख्वाह...

  • उत्तर प्रदेश में 9000 मदरसों में काम करने वाले यह 25,000 मदरसा मॉडर्न टीचर्स करीब 10 लाख बच्चों को हिंदी गणित साइंस कंप्यूटर जैसे विषय पढ़ाते हैं.
  • कड़ी मशक्कत के बाद इन मदरसा टीचर्स को मिलने वाली तनख्वाह पहले से ही बहुत कम है .
  • मदरसा टीचर्स में ग्रेजुएट टीचर को 8000 और पोस्ट ग्रेजुएट टीचर को राज्य और केंद्र की सरकार मिलाकर 15 हजार रुपये देती है.
  • पिछले 38 महीनों से लगातार मदरसा मॉर्डन टीचर्स की तनख्वाह नहीं मिली है. जिससे इनके हालात और उनके परिवारों की माली हालात बद से बदतर हो गए हैं.


लखनऊ में धरने पर बैठे यह मदरसा मॉर्डन टीचर्स देश में एक बार दोबारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनने पर उम्मीद जता रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने बयान में कहा था, कि सबका साथ सबका विकास और सब का विश्वास हासिल करने की जरूरत है, तो उस पर अमल करते हुए उनकी बकाया तनख्वाह इनको दी जाए. जिससे मदरसा टीचर्स का भी विश्ववास हासिल हो सके.

Intro:पिछले 38 महीने से तनख्वाह न मिलने से यूपी के मदरसा मॉर्डन टीचर्स दर बदर भटकने को मजबूर हैं, जिसके चलते लखनऊ के इको गार्डन में एक बार फिर से यूपी भर से आए मदरसा मॉडर्न टीचर्स ने अपनी बकाया सैलरी की मांग को लेकर धरना शुरू करदिया है।


Body:इससे पहले भी दिल्ली से लेकर लखनऊ तक यह मदरसा मॉडर्न टीचर्स अपनी 38 माह की बकाया तनख्वाह को लेकर सरकार से गुहार लगा चुके हैं। कोई अपनी बेटी की शादी के लिए परेशान है तो कोई बच्चों की शिक्षा को लेकर तो कोई कहता है कि इस योजना में आकर सोचा था तालीम के जरिए भारत के बच्चों को शिक्षा देंगे लेकिन जब हम ही भूखे मर रहे हैं तो कैसे बच्चों का भविष्य संवारे। लेकिन इनकी फरियाद सुनने वाला कोई दूर तक नजर नहीं आता है जिसके सबब अब यह मदरसा टीचर अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं। इन मदरसा टीचर्स का कहना है सरकार का मदरसा मॉडर्न टीचर्स को लेकर भेदभाव वाला रवैया लम्बे वक्त से रहा है जबकि मदरसा टीचर्स में 60 फ़ीसदी मुस्लिम टीचर हैं और 40 फीसदी गैर मुस्लिम टीचर है जिसमें बड़ी तादाद में महिला टीचर्स भी शामिल है। इन मदरसा टीचर्स का कहना है कि तकरीबन 3 साल होने को आ रहा है लेकिन तनख्वाह न मिलने के चलते घरों के चूल्हे ठंडे पड़े हैं कोई मदरसा टीचर अपने बच्चों की स्कूलों की तालीम को लेकर परेशान है तो कोई अपनी कैंसर जैसी बड़ी बीमारी से जूझ रहा है कोई कर्ज के बोझ के तले डूबा है लेकिन ना तो सरकार और ना ही कोई अधिकारी इनकी सुन रहा है।


Conclusion:हम आपको बताते चले कि उत्तर प्रदेश में 9000 मदरसों में काम करने वाले यह 25,000 मदरसा मॉडर्न टीचर्स करीब 10 लाख बच्चों को हिंदी गणित साइंस कंप्यूटर जैसे सब्जेक्ट पढ़ाते हैं। कड़ी मशक्कत के बाद इन मदरसा टीचर्स को मिलने वाली तनख्वाह पहले से ही बहुत कम है इन मदरसा टीचर्स में ग्रेजुएट टीचर को 8000 और पोस्ट ग्रेजुएट टीचर को राज्य और केंद्र की सरकार मिलाकर ₹15 हज़ार देती है जिससे इनका गुजारा होता है लेकिन पिछले 38 महीनों से लगातार मदरसा मॉर्डन टीचर्स की तनख्वाह नही मिली है। जिससे इनके हालात और उनके परिवारों की माली हालात बद से बदतर हो गए हैं लेकिन अफसोस की बात है कि इनका पुरसाने हाल कोई नजर नहीं आता। लेकिन इस बार लखनऊ में धरने पर बैठे यह मदरसा मॉर्डन टीचर्स देश में एक बार दोबारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनने पर उम्मीद जता रहे हैं उनका मानना है कि जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने बयान में कहा था कि सबका साथ सबका विकास और सब का विश्वास हासिल करने की जरूरत है तो उस पर अमल करते हुए उनकी बकाया तनख्वाह इनको दी जाए जिससे मदरसा टीचर्स का भी विश्ववास हासिल हो सके ।

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