IIT दिल्ली के छात्रों ने बनाई डिवाइस, सिखाएगी सही तरीके से बैठना और खड़े होना

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Published : Apr 25, 2019, 8:54 AM IST

आईआईटी दिल्ली से शोध कर रहे छात्रों ने प्रो पोस्चर नाम की एक डिवाइस बनाई है. ये गलत तरीके से बैठने या खड़े होने पर वाइब्रेट करके आपको सूचित करेगी.

नई दिल्ली: जाने अनजाने में अक्सर हम गलत तरीके से बैठ जाते हैं या हमारे खड़े होने का तरीका सही नहीं होता. ऐसे में हमारे शरीर को बैक बोन से जुड़ी कई बीमारियां जकड़ लेती हैं. इसी बारे में आईआईटी दिल्ली के छात्रों ने एक शोध किया और स्पेशल डिवाइस बनाई.

आईआईटी दिल्ली से शोध कर रहे छात्रों ने प्रो पोस्चर नामक एक डिवाइस बनाई है जो गलत तरीके से बैठने या खड़े होने पर सूचित करेगी. डिवाइस बनाने वाले आईआईटी दिल्ली के छात्र हर्ष लाल ने बताया कि ये डिवाइस बताएगी कि आप सही से बैठे या खड़े हैं कि नहीं. उन्होंने बताया कि अगर व्यक्ति गलत तरीके से बैठे या खड़े होंगे तो डिवाइस में कंपन शुरू हो जाएगा.

'प्रो पोस्चर' डिवाइस रखेगी सेहत का ख्याल

डिवाइस में लगा है सेंसर

बता दें कि डिवाइस में एक सेंसर लगा हुआ है जो गलत बैठने या खड़ा होने पर सूचित करेगा. ये एक नेक बैंड की तरह होगी, जिसे केवल पहनना होगा और उसके बाद ये अपना काम खुद करेगी. वहीं इस डिवाइस को बनाने वाले दूसरे छात्र आकाश शर्मा ने कहा कि डिवाइस बनाने से पहले डॉक्टर्स से भी विचारविमर्श किया गया है. ऐसा डिवाइस अभी अमेरिका में उपलब्ध हैस, लेकिन उसका मूल्य अधिक होने के कारण आम आदमी उसे नहीं खरीद पाता है.

2 महीने में बनाई डिवाइस

आकाश शर्मा ने कहा कि इस डिवाइस को बनाने में दो माह का वक्त लगा है. उन्होंने कहा कि इसे बनाने के लिए छह से सात माह तक रिसर्च किया गया है, तब जाकर इसे बनाने में वो कामयाब हुए. वहीं हर्ष ने बताया कि गलत तरीके से बैठने के कारण हर दस में से सात लोगों को पीठ के निचले हिस्से में दर्द की शिकायत रहती है और ये दर्द मेडिकल के लिहाज से विश्व की दूसरी सबसे बड़ी शिकायत है. गलत बैठने के कारण सांस लेने की क्षमता कम होती जाती है. सुनने और समझने की क्षमता आदि पर भी इसका असर पड़ता है.

यहां से मिला आइडिया

हर्ष ने इस डिवाइस को बनाने के पीछे की मोटिवेशन के बारे में बात की. उन्होंने बताया कि एक बार दोस्तों के साथ बाइक से राजस्थान तक का सफर किया और उस दौरान काफी समय तक बाइक चलाने के कारण पीठ में दर्द हुआ था. उस वक्त ये ख्याल आया कि लोग दिन भर बाइक पर सफर कर सामान बेचते हैं, उनकी तो और भी बुरी हालत होती होगी. उसी को ध्यान में रखकर ये डिवाइस बनाई गई.

अस्पताल में चल रही है टेस्टिंग

हर्ष ने बताया कि इस डिवाइस का फिलहाल आईआईटी दिल्ली और सफदरजंग अस्पताल में प्रशिक्षण चल रहा है. प्रशिक्षण पूरा होने के बाद ये करीब दो माह के अंदर मार्केट में उपलब्ध होगी. हर्ष ने कहा कि इस डिवाइस की मार्केट कीमत करीब एक हजार रुपए तक हो सकती है जो अमेरिका में मिलने वाली डिवाइस से काफी कम है.

Intro:अक्सर स्कूल हो या घर हमेशा सही से बैठने के लिए चार बातें सुननी पड़ती है. सही से नहीं बैठने के कारण हम अपने शरीर में कई तरह की बीमारी को भी निमंत्रण देते है. लेकिन अब सही से बैठने के लिए न घर में और न स्कूल में किसी से डांट सुनी पड़ेगी और खुद को भविष्य में गलत तरीके से बैठने के कारण होने वाली बीमारी से भी बचा सकेंगे. दरअसल हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि आईआईटी दिल्ली से शोध कर रहे छात्रों ने प्रो पोस्चर नामक एक डिवाइस बनाई है जोकि अगर आप गलत तरीके से बैठे या खड़े होंगे तो यह डिवाइस सूचित करेगी.





Body:वहीं प्रो पोस्चर डिवाइस बनाने वाले आईआईटी दिल्ली के छात्र हर्ष लाल ने बताया कि यह डिवाइस बताएगी की आप सही से बैठे या खड़े हैं कि नहीं. उन्होंने बताया कि अगर व्यक्ति गलत तरीके से बैठे या खड़े होंगे तो डिवाइस में कंपन शुरू हो जाएगा. साथ ही बताया कि इस डिवाइस में एक सेंसर लगा हुआ है जो गलत बैठे या खेड़े होने पर सूचित करेगा. हर्ष लाल ने बताया कि यह एक नेक बैंड की तरह होगा जिसे केवल पहनना होगा और उसके बाद यह डिवाइस अपना काम खुद करेगा. वहीं इस डिवाइस को बनाने वाले दूसरे छात्र आकाश शर्मा ने कहा कि हमें नहीं पता होता है हम सही से खड़े या बैठे हैं कि नहीं. लेकिन अब परेशान होने की जरूरत नहीं है. क्योंकि यह डिवाइस गलत खड़े या बैठे होने पर सूचित कर देगा. उन्होंने कहा कि इस डिवाइस को बनाने से पहले डॉक्टरों से भी विचारविमर्श किया गया है. साथ ही कहा कि ऐसा डिवाइस अभी अमेरिका में उपलब्ध है लेकिन उसका मूल्य अधिक होने के कारण आम आदमी उसे नहीं खरीद पाता है.

वहीं छात्र आकाश शर्मा ने कहा कि इस डिवाइस को बनाने में दो माह का वक़्त लगा है. उन्होंने कहा कि इस डिवाइस को बनाने के लिए छह से सात माह तक रिसर्च किया गया है तब जाकर इस डिवाइस को बनाने में कामयाब हुए हैं. वहीं हर्ष लाल ने बताया कि गलत तरीके से बैठने के कारण हर दस में से सात लोगों को पीठ के निचले हिस्से में दर्द की शिकायत रहती है और यह दर्द मेडिकल के लिहाज से विश्व की दूसरी सबसे बड़ी शिकायत है. गलत बैठने के कारण सांस लेने की क्षमता कम होती जाती है. सुनने और समझने की क्षमता आदि पर भी इसका असर पड़ता है.

वहीं हर्ष ने इस डिवाइस को बनाने के पीछे तर्क दिया और कहा कि एक बार बाइक से राजस्थान तक का सफर किया था और उस दौरान काफी समय तक बाइक चलाने के कारण पीठ में काफी दर्द हुआ था. तो सोचा कि जो लोग दिन भर बाइक पर सफर कर सामान बेचते हैं उनकी क्या हालत होती होगी. उसी को ध्यान में रखकर यह डिवाइस बनाया है.

वहीं छात्र हर्ष लाल ने बताया कि इस डिवाइस का फिलहाल आईआईटी दिल्ली और सफदरजंग अस्पताल में प्रशिक्षण चल रहा है. प्रशिक्षण पूरा होने के बाद यह डिवाइस करीब दो माह के अंदर मार्केट में उपयोग के लिए उपलब्ध होगा. हर्ष ने कहा कि इस डिवाइस की मार्केट कीमत करीब एक हज़ार रुपए तक हो सकती है जोकि अमेरिका में मिलने वाली डिवाइस से काफी कम होगी.




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